Saturday, June 27, 2009

देश का बदलता परिवेश

आज पुरे विश्व में बढ़ रहे सहरीकरण तथा औद्योगीकरण के परिणामस्वरूप हमारे देश के साथ साथ अन्य देशो का परिवेश भी बदलता जा रहा है। आज हम अपनी मूलभूत आवस्यक्ताओं को नजरंदाज करते जा रहे हैं। जिस तरह हमारे देश में सभी लोग सहरों की और पलायन कर रहे हैं तथा गावों को सहरों का रूप दिया जा रहा है। उससे कई प्रकार की समस्याओं का जन्म होने वाला है जैसे की खाद्य समस्या आदि। यदि सभी लोग सहरों में बसते जायेंगे और खेत, गाँव सहरों में तब्दील हो जायेंगे तो अन्न कौन उगाएगा? क्या इसका जवाब हमारी सरकार के पास है? क्या आपके पास इसका जवाब है?
मैं ये नही कहता की गाँव वालो शिक्षित न किया जाए। उन्हें शिक्षा का समान अवसर दिया जानाचाहिए परन्तु उन्हें ऐसी दी जाए जिससे वे गाँव में ही रह कर अन्न उगाए और शिक्षित कृषि इंजिनियर बनकर गाँव तथा देश की सेवा करे अन्यथा दूसरे देशो की भांति सरकार को खेती का सरकारीकरण करना होगा और किसानो को भर्ती करके खेती करानी पड़ेगी ।
मैं सहर के आधुनीकरण का भी विरोध नही कर रहा हूँ परन्तु आपको आने वाली समस्याओं के प्रति जागरूक करने की चेष्टा कर रहा हूँ।
धन्यवाद्

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